अपने हिसाबसे जिओ लोगो की सोच का क्या-
वो कंडीसन के हिसाब से बदलती रहती है-
आगे चाय में मक्खी गिरे तो चाय फेक देते है –
और अगर देसी घी में गिरे तो मक्की को फेक देते है
संभव की सीमा जानने का एक ही तरीका है,
असंभव से भी आगे निकल जाना. क्रोध एक ऐसा तेजाब है जो जिस चीज़ पे डाला जाता है उससे,
ज्यादा उस पात्र को नुकसान पहुंचाता है जिसमे वो रखा है