Posted in Good Morning Shayari, Hindi Suvichar Hindi Suvichar Posted by Gujarati Shayari Posted on July 3, 2018 Leave a Comment on Hindi Suvichar Hindi Suvichar अपने हिसाबसे से जिओ लोगो की सोक का क्या वो क्न्दिसं के हिसाब से बदलती है आगे चाय में मक्खी गिरे तो के को फेक देते है ओरे अगर देसी घी में गिरे तो मक्खी को फेक देते है याद है… वो बचपन की अमीरी, न जाने अब कहां खो गई… वो दिन ही कुछ और थे, जब बारिश के पानी में हमारे भी जहाज चला करते थे ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर, बस अपनी ही धुन, बस अपने सपनो का घर… काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन के दिन Author: Gujarati Shayari