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Hindi Sad Shayari
नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली,
ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली,
तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा,
एक मैं था जिसे हँसने की इजाज़त न मिली
उदास कर देती है हर रोज ये शाम मुझे,
लगता है तू भूल रहा है मुझे धीर-धीरे
नादानी की हद है जरा देखो तो उन्हें,
मुझे खो कर वो मेरे जैसा ढूढ़ रहे हैं
इस मोहब्बत की किताब के,
बस दो ही सबक याद हुए,
कुछ तुम जैसे आबाद हुए,
कुछ हम जैसे बरबाद हुए
उसकी बाहों में सोने का
अभी तक शौक है मुझको,
मोहब्बत में उजड़ कर भी
मेरी आदत नहीं बदली
ना जाने इस ज़िद का नतीजा क्या होगा,
समझता दिल भी नहीं मैं भी नहीं और तुम भी नहीं
हमें अपने घर से चले हुए,
सरे राह उमर गुजर गई,
न कोई जुस्तजू का सिला मिला,
न सफर का हक ही अदा हुआ
चंद कलियाँ निशात की चुनकर,
मुद्दतों मायूस रहता हूँ,
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही,
तुझसे मिलकर उदास रहता हूँ
नतीजा एक ही निकला,
कि थी किस्मत में नाकामी,
कभी कुछ कहके पछताए,
कभी चुप रहके पछताए
तुम अपना रंजो-गम अपनी परेशानी मुझे दे दो,
तुम्हें मेरी कसम यह दुख यह हैरानी मुझे दे दो।
ये माना मैं किसी काबिल नहीं इन निगाहों में,
बुरा क्या है अगर इस दिल की वीरानी मुझे दे दो
बहुत खामोशी से गुजरी जा रही है जिन्दगी,
ना खुशियों की रौनक ना गमों का कोई शोर,
आहिस्ता ही सही पर कट जायेगा ये सफ़र,
ना आयेगा दिल में उसके सिवा कोई और
एक कहानी सी दिल पर लिखी रह गयी,
वो नजर जो उसे देखती रह गयी,
वो बाजार में आकर बिक भी गए,
मेरी कीमत लगी की लगी रह गयी
इधर से आज वो गुजरे तो मुँह फेरे हुए गुजरे,